मातृभूमि शिक्षा मंदिर जरूरतमंद, असहाय एवं कुष्ठ रोगियों के स्वस्थ बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा एवं मिशन द्वारा संचालित बालअभिमन्यु छात्रवास में आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जाती है ।
मिशन प्राचीन एवं आधुनिक शिक्षा में समन्वय स्थापित कर एक विशेष विद्यापीठ के निर्माण में संलग्न है, जिससे विश्व मानवता की सेवा के निमित्त युवा-पीढ़ी तैयार हो सके।
प्राचीन भारत के विभिन्न महापुरूषों की जीवनियों से संबंधित अनेक सारी पुस्तकों का संग्रह है। पुस्तकालय संस्थान के विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
आश्रम के बच्चों के लिए दूध की पूर्ति के लिए एक लघु गौशाला की स्थापना की गई है। जिसमें मिशन के छात्रवास के विद्यार्थियों के लिए दूध का समुचित प्रबंध होता है।
ग्रामीण क्षेत्रें की प्रतिभाएं जो कि रोजगार के अभाव में निराशा की शिकार हैं, उनको रोजगार परक प्रशिक्षण के माधयम से स्वालम्बन एवं स्वरोजगार के लायक प्रशिक्षित किया जा रहा है।
मिशन द्वारा बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों से लेकर विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थी अपनी योग्यता एवं प्रतिभा समाज एवं राष्ट्र के लिए कैसे उपयोग कर सकते है। जिससे उनके जीवन में अपने जीवन के प्रति एक दायित्व बोध पैदा हो। इस हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संबंधित संस्थाओं में आयोजित होते है।
यह मातृभूमि सेवा मिशन का अधिकृत पाक्षिक पत्र् है। यह विभिन्न विषयों पर अनेक लेख आदि प्रकाशित होते हैं। इस पाक्षिक के माध्यम से अनेक सम-सामायिक विषयों पर देश की युवा पीढ़ी को अवगत् कराने का प्रयास रहता है।
मिशन द्वारा विगत् 16 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह का आयोजन कर रहा है। जिसमें देश के अनेक धर्माचार्य, अनेक देशों के माननीय राजदूत, प्रशासनिक अधिकारी एवं सामाजिक क्षेत्र कार्यरत्, अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति व प्रोफेसर, शोधार्थी सहित अनेक गणमान्य जनों की गरिमामयी उपस्थिति रहती है।